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देहरी पर ...
July 07, 2022
आँगन बैठ कर गाए जाने वाले गीत, देहरी पर बैठ कर लिखे जाने वाली कविता से कितने अलग थे... (कभी-कभी कलम किसी ख़याल से लिपटकर डूब जाती है)
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