चाय और मास्टर
ये सारे अच्छे आयडीआज़ परीक्षा हॉल में ही क्यूँ आते हैं
इधर आपने नोट करने के लिए सर झुकाया नहीं कि उधर खुसर फुसर शुरू। अब खड़े रहिए चौकस चौकन्ने पूरे तीन घंटे, पीजिए चाय
सोच रही हूँ चाय ना होती तो हम मास्टरों का क्या होता !!
ये सारे अच्छे आयडीआज़ परीक्षा हॉल में ही क्यूँ आते हैं
इधर आपने नोट करने के लिए सर झुकाया नहीं कि उधर खुसर फुसर शुरू। अब खड़े रहिए चौकस चौकन्ने पूरे तीन घंटे, पीजिए चाय
सोच रही हूँ चाय ना होती तो हम मास्टरों का क्या होता !!
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