एक शाम
एक शाम चुराई थी, बस संग बिताने को
उस शाम के क़तरों को, नाज़ुक से सम्भाला है
ये प्यार का मौसम भी इकदम अपने वाला है ....
एक शाम चुराई थी, बस संग बिताने को
उस शाम के क़तरों को, नाज़ुक से सम्भाला है
ये प्यार का मौसम भी इकदम अपने वाला है ....
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