छोटी बहन

 जो छोटी बहन जैसा दोस्त ना होता...

तो कौन सुनता अलबेली के मन की इतने इत्मिनान से,
किससे कहे होते मोहब्बत के पहले अफ़साने,
किसके की होती सारी दुनिया की शिकायतें,
किसके साथ बाँटती मन पूरा-पूरा, ज़िंदगी आधी-आधी।





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