लॉकडाउन

अब आप समझे मोई जी कित्ते बड़े मनोवैज्ञानिक ...

घर बैठे लोग शंख-घंटे-घड़ियाल, ताली-थाली चम्मच पीटने बालकनी में निकले तो देखा अरे, बड़े मन से सब शोर का हिस्सा बन रहे।बस फिर क्या था, जनता दोगुने जोश से भर गयी। विडीओ बने, स्टोरीज़ बनी, सेल्फ़ी खिंची, कम्यूनिटी क्लोस्नेस की फ़ीलिंग बढ़ी।

घर बैठे सोशल मीडिया पर परोसने का मसाला मिला।

लॉकडाउन (मल्लब जनता कर्फ़्यू)  में ये भी मिल जाए क्या कम है, बाक़ी ध्यान अपना आपको ख़ुद ही रखना है। उसमें सरकार क्या करेगी।




























22 मार्च 2020 को इसे facebook पर पोस्ट किया गया था








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