खीजना छोड़ दिया औरतों ने …
दुनिया जहान की बातें थीं उनके पास ..
ऑफ़िस के अटके और निपटाए कामों पर वे ख़ुद से और दूसरी से कहती, ये भी हो जाएगा। घर-नाते-रिश्तेदारी से लेकर पति के निकम्मेपन तक पर अफ़सोस भरी आह भरी उन्होंने, सब तो वही सम्भालती है फिर भी सलाह उन्हीं को... हुँह...
इस हुँह में उनका विरोध था.... खीज नहीं !
खीजना छोड़ दिया औरतों ने....
पड़ोसन की नए फ़ैशन की जींस पर उन्होंने हवा में ख़ुशी भरा हाईफ़ाइव उछाला, मुस्कुराईं और कहा- अपन भी पहनेंगे और फ़ेसबुक पर फ़ोटो लगाएँगे।ऑफ़िस में देखा था उन्हें, उस टॉप को पहन कर जाती हूँ तो कैसे घूरते हैं, दूसरी ने कहा- मुझे उसके घूरने पर तरस आया... अभी पिछली सदी में छूट गया लगता है....
उनके ठहाकों को दीवारें कान लगा कर सुन रही थी।
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