दुःख

उदासियों पर नहीं चढ़ते रंग, डुबोती ही जाती है बेचैनी-सी कोई। उसने बात ही बात में एक बात कही और बिलकुल ठीक कही-

‘दुःख हमारी दुनिया बदलते हैं’






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